Thursday 28 December 2017

फासला घट आयगा, हमदम बनाओ

 फासला घट  आयगा, हमदम  बनाओ,
 हो सके तो तुम किसी का गम मिटाओ l 
शान्ति, सुख पा  जावगे यह देखना तुम,
बस किसी  के  घाव पर मरहम लगाओ l

- डॉ हरिमोहन गुप्त 
सुख उसको ही मिल सका, रहा कामना मुक्त, वही सम्पदा श्रेष्ठ है, वैभव से हो युक्त. मिथ्या भाषण, कटु वचन, करे तीर का काम, स्वाभाविक यह प्रतिक्रिया, उल्टा हो परिणाम.

जब अधर्म बढ़ता धरती पर

जब अधर्म बढ़ता  धरती  पर, कोई  सन्त पुरुष  आता है,
हमको ज्ञान मार्ग   दिखलाने, भारत  ही  गौरव  पाता  है l
संत अवतरित  हुये  यहाँ पर, विश्व बन्धु  का  पाठ पढ़ाने,

उसका फल हम सबको मिलता, जन जन उनके गुण गाता है l 

- डॉ हरिमोहन गुप्त 

Tuesday 5 December 2017

जेब से भारी थे, मूंमफली के दाने भी

जेब से भारी  थे, मूंमफली  के दाने भी,

कैसे समझाएं हम, अपने अब बच्चों को l 

Sunday 3 December 2017

यों ही कोई बदनाम नहीं होता

यों ही  कोई  बदनाम  नहीं होता,
वे बजह कोई गुमनाम  नहीं होता l
गलत इरादे यदि चित्त में हों कभी,
तो कोई भी शुभ काम नहीं होता 

- डॉ. हरिमोहन गुप्त