Sunday 20 August 2017

धब्बा नहीं कोई

कुर्ता मेरा फटा है, पुराना भी बहुत है,
पर दोस्त अब  भी साफ है,धब्बा नहीं कोई

                  डॉ० हरिमोहन गुप्त